मेरा खुशियों का महल, इस मिट्टी के दीये जैसा है, तुम क्यों इस दीये में, पानी मिलाते हो। मेरा खुशियों का महल, इस मिट्टी के दीये जैसा है, तुम क्यों इस दीये में, पानी मिल...
मेरा बचपन, मेरे सपनों में ही रह गया...! मेरा बचपन, मेरे सपनों में ही रह गया...!
अपना बचपन याद, आ गया एक बार फिर...! अपना बचपन याद, आ गया एक बार फिर...!
केवल एक ही आस है दिल में, फिर से हो जाएँ हम बच्चे...! केवल एक ही आस है दिल में, फिर से हो जाएँ हम बच्चे...!
ये सपनों का ‘प्रयास’ है ! ये सपनों का ‘प्रयास’ है !
उस मासूम के सपनों की, फिर से आज धुलाई हुई...! उस मासूम के सपनों की, फिर से आज धुलाई हुई...!